Operation Sindur 2025:भारत का पाकिस्तान पर सटीक हमला (भाग 2)
Operation Sindur 2025 :22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया।
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने कूटनीतिक और सैन्य मोर्चों पर कड़े कदम उठाए।
इनमें सबसे महत्वपूर्ण था Operation Sindur 2025 , जिसके तहत भारत ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए।
इस लेख में हम ऑपरेशन सिंदूर 2025 के विवरण,
इसके परिणामों,और भारत-पाकिस्तान तनाव पर इसके प्रभाव पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
यह ब्लॉग श्रृंखला का दूसरा भाग है। पहला भाग यहां जाएं
ऑपरेशन सिंदूर 2025: क्या था
भारत की सेना, नौसेना, और वायुसेना का एक संयुक्त सैन्य अभियान था,
जिसका उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदार आतंकी संगठनों को नष्ट करना था।
यह ऑपरेशन 7 मई 2025 को शुरू हुआ और इसमें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
ऑपरेशन का नाम “सिंदूर” भारत की सांस्कृतिक और रणनीतिक ताकत का प्रतीक है।
यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार,इस ऑपरेशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से मॉनिटर किया।
ऑपरेशन का समय और स्थान
ऑपरेशन सिंदूर 2025 के हमले 6 मई 2025 की देर रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच हुए।
भारत ने ड्रोन और सटीक मिसाइलों का उपयोग करके आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। निशाने पर शामिल थे:
- पंजाब, पाकिस्तान: मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मुख्यालय और
- बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का प्रशिक्षण शिविर।
- PoK: मुजफ्फराबाद और सियालकोट में आतंकी कैंप,
- जिनमें अब्बास टेररिस्ट कैंप शामिल था।
- लाहौर: हाफिज सईद का आतंकी किला,
- जो लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख केंद्र था।
भारतीय सेना ने अब्बास टेररिस्ट कैंप को पूरी तरह नष्ट करने का वीडियो जारी किया,
जिसने ऑपरेशन की सफलता को प्रदर्शित किया।
लक्ष्य और नुकसान
ऑपरेशन सिंदूर 2025 का मुख्य लक्ष्य लश्कर-ए-तैयबा और
जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को कमजोर करना था,जो पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार थे।
भारतीय सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 90 आतंकी मारे गए।
इनमें जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और 4 गुर्गे शामिल थे।
हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया कि हमलों में 8 लोग मारे गए और 35 घायल हुए।
पाकिस्तान ने झूठा प्रचार किया कि हमलों में आम नागरिक मारे गए,
लेकिन भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि सभी लक्ष्य आतंकी ठिकाने थे।
इस ऑपरेशन ने आतंकी संगठनों को गहरा झटका दिया और उनकी रसद,
हथियार, और प्रशिक्षण सुविधाओं को नष्ट कर दिया।
भारत की रणनीति और तकनीक
ऑपरेशन सिंदूर 2025 में भारत ने अत्याधुनिक तकनीक और सटीक योजना का उपयोग किया।
ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी, और सटीक मिसाइलों ने इस ऑपरेशन को सफल बनाया।
भारतीय सेना ने सुनिश्चित किया कि नागरिक क्षेत्रों को कोई नुकसान न पहुंचे।
ऑपरेशन की प्रमुख विशेषताएं:
- ड्रोन हमले: उच्च तकनीक वाले ड्रोन का उपयोग आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया गया।
- सटीक मिसाइलें: लंबी दूरी की मिसाइलों ने आतंकी कैंपों को सटीकता से नष्ट किया।
- खुफिया जानकारी: रॉ (RAW) और अन्य खुफिया एजेंसियों ने आतंकी ठिकानों की सटीक जानकारी प्रदान की।
भारत की सैन्य रणनीति ने इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह ऑपरेशन 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और
2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक की तुलना में अधिक व्यापक और प्रभावी था।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
ऑपरेशन सिंदूर 2025 के बाद पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
उसने नियंत्रण रेखा (LoC) पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू की, खासकर पुंछ सेक्टर में।
इस गोलीबारी में 10 लोग मारे गए और 33 घायल हुए।
भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी चौकियों को भारी नुकसान पहुंचाया।
पाकिस्तान ने अपने पंजाब प्रांत में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए और सेना को हाई अलर्ट पर रखा।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय हमलों को “कायराना” बताया और
कहा कि पाकिस्तान किसी भी हमले का जवाब देने को तैयार है। इसके अलावा,
पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया और
भारत के साथ सभी व्यापारिक गतिविधियों को निलंबित कर दिया।
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ प्रचार शुरू किया।
उसने दावा किया कि भारत के हमलों में आम नागरिक मारे गए, लेकिन इन दावों का कोई ठोस सबूत नहीं था।
पाकिस्तान की सैन्य और कूटनीतिक रणनीति
पाकिस्तान ने अपनी सैन्य और कूटनीतिक रणनीति को तेज किया।
उसने PoK में नीलम वैली को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया और सीमा पर अतिरिक्त सैनिक तैनात किए।
इसके अलावा, पाकिस्तान ने अपने खुफिया प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद आसिम मलिक को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया।
यह पहली बार था जब ISI चीफ और NSA की भूमिका एक ही व्यक्ति ने निभाई।
पाकिस्तान ने चीन और कतर जैसे सहयोगी देशों से समर्थन मांगा। चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की,
जबकि कतर ने मध्यस्थता की पेशकश की। लेकिन भारत ने स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखेगा।
भारत में आंतरिक प्रतिक्रियाएं
Operation Sindur 2025 को भारत में व्यापक समर्थन मिला। राजनेताओं, सेना,
और आम जनता ने इसकी सराहना की। कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं:
- विदेश सचिव विक्रम मिस्री: उन्होंने कहा, “पहलगाम में 26 लोगों को कायरतापूर्वक मारा गया। साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाना जरूरी था।”
- कर्नल सोफिया कुरैशी: “ऑपरेशन सिंदूर मासूमों को न्याय देने के लिए था। 9 आतंकी कैंप नष्ट किए गए।”
- गृह मंत्री अमित शाह: “आतंकियों को चुन-चुनकर मारेंगे। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति है।”
विपक्षी नेताओं, जैसे अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी,
ने भी सरकार के इस कदम का समर्थन किया।
हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने हमले को सुरक्षा और खुफिया नाकामी का परिणाम बताया।
पहलगाम में पर्यटकों ने भारतीय सेना की कार्रवाई की सराहना की।
गुजरात की काजलबेन परमार, जिन्होंने हमले में अपने पति और बेटे को खोया, ने कहा,
“सरकार को ऐसी कार्रवाई जारी रखनी चाहिए ताकि कोई और परिवार न टूटे।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ऑपरेशन सिंदूर 2025 ने वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं:
- अमेरिका: अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेग्सेथ ने कहा कि अमेरिका भारत के आत्मरक्षा के हर कदम का समर्थन करता है।
- चीन: चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत की अपील की।
- ब्रिटेन: ब्रिटेन ने भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद की पेशकश की।
- न्यूयॉर्क टाइम्स: अखबार ने इसे “आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद भारत का पाकिस्तान पर हमला” बताया और युद्ध की आशंका जताई।
इन प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट है कि वैश्विक समुदाय इस तनाव को गंभीरता से ले रहा है।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर 2025 भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक है।
इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकी संगठनों को गहरा झटका दिया, बल्कि पाकिस्तान को यह संदेश भी दिया कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
हालांकि, इसने भारत-पाकिस्तान तनाव को और बढ़ा दिया। अगले भाग में हम इस तनाव की वर्तमान स्थिति, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता,
और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।
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