NREGA Job Card List 2025: के तहत कैसे करोड़ों लोगों को रोजगार दिया गया, आइए जानते हैं।

NREGA Job Card List 2025 इसकी सुरवात कैसे हुआ ? और क्यों हुआ?
NREGA Job Card List 2025 नरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) एक भारत सरकार द्वारा लागू किया गया सामाजिक सुरक्षा और रोजगार सृजन कार्यक्रम है,
जिसे 2005 में शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को प्रति वर्ष कम से कम 100 दिनों का गारंटीकृत रोजगार प्रदान करना है,
ताकि उनकी आजीविका को सुरक्षित किया जा सके। यह दुनिया के सबसे बड़े रोजगार गारंटी कार्यक्रमों में से एक है।
MGNarega योजना क्या है ? और इसका उद्देश्य क्या है?
NREGA Job Card List 2025:योजना से पहले भी गांवों में और शहरों में ऐसी रोजगार उपलब्ध कराया जाता था सरकार के द्वारा
लेकिन इसमें लोगो तक काम पहुंचना बहुत मुस्किल होता था।जबकि
NREGA Job Card List 2025 के तहत ऐसा नहीं है,
क्योंकि इसमें ब्लॉक में लिखित आवेदन किया जाता है
वर्क डिमांड का और इसमें भी आवेदन में उन्हीं लोगों का नाम होता है जो काम करेगा।
काम का अप्रूव होना:NREGA Job Card List 2025
1. यदि किसी ग्रुप के द्वारा काम का डिमांड किया जाता है तो उस कामों में केवल उन्हीं लोग काम कर सकता है जिसका आवेदन में नाम हो।
2. काम का डिमांड ड्राफ्ट भरने के 15 दिनों के भीतर ही काम मुहाया कराया जाता है।
3. अगर 15 दिनों में काम मुहाया नही कराया जाता तो आवेदन करता सरकार से शिकायत कर सकता हैं।
4. NREGA Job Card List 2025 के तहत कामकर्ता को उसकी भत्ता उसके ही बैंक खातों में भेज दिया जाता इस से
बिचौलियों के द्वारा कामकर्ता को सरकार के द्वारा दी जाने वाली भाता में कोई भी छेड़खानी नहीं होती।
5. MGNarega के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी कम करना और आर्थिक स्थिरता लाना सरकार का एक बड़ा उद्देश्य था।
6. इस NREGA Job Card List 2025 तहत ग्रामीण बुनियादी ढांचे जैसे सड़क, तालाब, कुएं, नहरें
आदि का निर्माण करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और बेरोजगारी दूर करना है।
7. इस योजना के तहत महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति, और अन्य कमजोर वर्गों को रोजगार के अवसर देना जिस से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता के साथ बेरोजगारी दूर हो।
8. ये एक ऐसी योजना है जिसमें गांवों में आर्थिक सुधार के साथ जल संरक्षण, वृक्षारोपण, और
भूमि विकास जैसे कार्यों के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा करना भी शामिल है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण के तहत काम नहीं मिल पाता: 
1. अगर कामकरता के द्वारा कामों के लिए डिमांड ड्राफ्ट किया जाता है और 100 दिन तक सरकार काम देने में असमर्थ होती है
तो डिमांड कर्ता सरकार से उस 100 दिन का भत्ता मांग सकता है जिसे सरकार को देना अनिवार्य है।
3. मनरेगा को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 के तहत लागू किया गया है जिसके अंतर्गत ही: – 2.
2. NREGA Job Card List 2025 का वादा है 100 दिनों के भीतर रोजगार सरकार नहीं मुहाया करा पता
तो रोजगार गारंटी के तहत भत्ता देना जरूरी है सरकार को।
आवेदन प्रक्रिया: कैसे करें कामों को डिमांड ड्राफ
सबसे पहले तो जॉब कार्ड के लिए ग्राम पंचायत में आवेदन करना होता है। कैसे करना होता आगे पढ़ें।
परिवार का विवरण, फोटो, और पहचान पत्र जमा करने के बाद जॉब कार्ड 15 दिनों के भीतर जारी कर दिया जाता है।
फिर रोजगार का मांग करने के लिए जॉब कार्ड धारक ग्राम पंचायत में लिखित या मौखिक रूप से रोजगार के लिए आवेदन करते हैं।
रोजगार के मांग करने 15 दिनों के भीतर सरकार को प्रदान करना अनिवार्य है।
जी कार्य के लिए आवेदन किया जाता है वो कम से कम आवेदक के गांव से 5 किमी के दायरे में होना चाहिए।
और सरकार यदि 5 किमी से अधिक दूरी पर काम देता है, तो अतिरिक्त यात्रा भत्ता मिलता है।
MGNarega के तहत कौन कौन से काम होता है?
MGNarega के तहत किए जाने वाले कार्यों में:-
ग्रामीन क्षेत्रों की विकास और पर्यावरण को सुधार से संबंधित इन सभी कामों इनमें शामिल हैं:-
तालाब, कुएं, चेक डैम, नहरों का निर्माण और मरम्मत जल विभाग के अंतर्गत से करवाया जाता है।
सड़क निर्माण: ग्रामीण क्षेत्रों में पक्की और कच्ची सड़कों का निर्माण।
पेड़ लगाना जैसे की किसान के खेतो में पेड़ लगाना और पेड़ों की देखभाल।
कृषि संबंधी कार्य: भूमि समतल करना, खेतों की मेड़बंदी, और सिंचाई सुविधाओं का विकास।
बाढ़ नियंत्रण: बांध और तटबंधों का निर्माण।
स्वच्छता: शौचालय निर्माण और स्वच्छता सुविधाएं।
Job Card List 2025 ग्रामीण योजना का मुख्य विशेषताएं
रोजगार की गारंटी प्रत्येक गांव के गरीब परिवार जिसके पास job card हो उस परिवार को प्रति वर्ष 100 दिन का अकुशल मजदूरी रोजगार दिया जाना है।
और सबसे महत्वपूर्ण बात मजदूरों के लिए उसके मजदूरी भत्ता उसी राज्यों द्वारा तय की जाती हैं, जो न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अनुसार होती हैं।
2025 तक, औसत मजदूरी ₹200-₹300 प्रति दिन के बीच है (राज्य के आधार पर भिन्न)।
जहां कभी औरतों को कई जगह काम देने से इंकार कर देते थे उसको सुधार करते हुए कम से कम एक-तिहाई रोजगार महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया।
काम करने वाले जगहों पर पीने का पानी, छाया, प्राथमिक चिकित्सा,
और बच्चों की देखभाल की सुविधा होना चाहिए और इसकी पूर्ति गांव के मुखिया और वार्ड का है।
मेन बात ये है की मजदूर जितनी भी रकम का काम किया हो वो सीधे मजदूरी बैंक खाते में भुगतान 15 दिनों के भीतर कर दिया जाता है।
कार्यों और खर्चों का विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होता है, और सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) अनिवार्य है।
इस योजना के तहत सरकार को कई उपलब्धियां भी मिली जैसे:
इस महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना हर साल 30 से 40 करोड़ लोगो को रोजगार देती है,और तो और
इसमें 50 प्रतिशत सिर्फ औरतों का भागीदारी होता है जिसेसे उस घर का आमदनी बढ़ती है।
इस योजना के तहत
पेड़ – पौधा, नहर, चेकडम, कुंवा,गांव का सड़क सुधार, डोभा, ग्राउंड वाटर हार्वेस्टिंग जैसा कई उपलब्धियां है।
लेकिन इस योजना कई चुनौतियां भी शामिल है
जैसे की कई राज्यों में भुगतान करने में मजदूरों को देरी कर दिया जाता है
जिसके करन गरीब जिसका केवल इसी योजना के तहत परिवार का पालन पोषण होता है उस परिवार को काफी दिक्कत होती है।
कुछ ग्रामीणों को अपने अधिकारों की पूरी जानकारी नहीं जिसके वजह से कई जगह पर भ्रष्टाचार का शिकार हो जाते है और कुछ
क्षेत्रों में फर्जी जॉब कार्ड और अनियमितताएं का सामना करना पड़ता है।
कुछ कार्यों की गुणवत्ता और स्थायित्व पर सवाल भी होता है और
ग्राम पंचायत स्तर पर संसाधनों और प्रशिक्षण की कमी की सामना करना पड़ता है।
हाल के अपडेट (2025 तक)डिजिटल एकीकरण:
आधार-लिंक्ड भुगतान और डिजिटल उपस्थिति प्रणाली लागू हुआ।
मनरेगा के तहत कुछ कार्यों में कौशल प्रशिक्षण शुरू किया गया कामों में आसान हुआ।
2024-25 के लिए मनरेगा का बजट ₹86,000 करोड़ था, जिसमें वृद्धि की मांग हो रही है।
नए योजना को भी जोड़ने को सरकार सोच रही है जिसमे
वायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित कार्यों को शामिल करने की योजना बनाई जा रही।
कुछ निष्कर्ष इस प्रकार के है
ग्रामीण भारत के लिए एक क्रांतिकारी योजना है, जो रोजगार, बुनियादी ढांचा विकास,
और सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देती है। हालांकि, इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए पारदर्शिता,
समय पर भुगतान, और गुणवत्तापूर्ण कार्यों पर ध्यान देना जरूरी है।
यदि आपको मनरेगा से संबंधित विशिष्ट जानकारी, जैसे किसी राज्य की मजदूरी दर या कार्य विवरण, चाहिए, तो कृपया बताएं!
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