Pahalgam terror attack 2025: भारत-पाकिस्तान तनाव की पूरी कहानी (भाग 1)
Pahalgam terror attack 2025 :22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए
पहलगाम आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया।
इस हमले में 26-28 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली,
हालांकि बाद में पाकिस्तान के दबाव में TRF ने इससे इनकार किया।
इस लेख में हम Pahalgam terror attack 2025 के विवरण, भारत की तत्काल प्रतिक्रिया,
और शुरुआती कूटनीतिक कदमों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। यह लेख तीन भागों में है, और यह पहला भाग है।
पहलगाम आतंकी हमला: क्या हुआ?
पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, 22 अप्रैल 2025 को आतंकवाद का शिकार बना।
दोपहर 2:45 बजे बायसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू की।
इस हमले में 26-28 लोग मारे गए, और 20 से अधिक घायल हुए।
मरने वालों में ज्यादातर पर्यटक थे, जो देश के विभिन्न हिस्सों से पहलगाम घूमने आए थे।Pahalgam terror attack 2025
जांच में पता चला कि हमले में पांच आतंकी शामिल थे, जिनमें दो स्थानीय और तीन पाकिस्तानी थे।
हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद था,
जो पाकिस्तान में मौजूद है। आतंकी फारुख अहमद, जो लश्कर का टॉप कमांडर है,
और उसके ओवरग्राउंड वर्कर नेटवर्क ने इस हमले को अंजाम दिया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और फोरेंसिक टीमें तुरंत बायसरन घाटी में पहुंचीं।
सूत्रों के अनुसार, आतंकी दक्षिण कश्मीर के जंगलों में छिपे हैं और उनके पास राशन-पानी है।
इस हमले ने न केवल जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए,
बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया।
हमले की जिम्मेदारी और पाकिस्तान का इनकार
हमले के तुरंत बाद द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने सोशल मीडिया पर इसकी जिम्मेदारी ली।
हालांकि, पाकिस्तान के दबाव में TRF ने बाद में इससे इनकार कर दिया।
एनआईए की जांच में पाकिस्तान का हाथ होने के सबूत मिले।
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान पर भारत में आतंकी हमलों का आरोप लगा है।
बीबीसी हिंदी के अनुसार, भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी।
पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह आतंकवाद का शिकार है और भारत के साथ शांति चाहता है।
लेकिन भारत ने इन दावों को खोखला बताते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू की।
भारत की तत्काल प्रतिक्रिया
पहलगाम आतंकी हमले के अगले दिन (23 अप्रैल 2025)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक हुई।
इस बैठक में पांच बड़े फैसले लिए गए, जो सैन्य, कूटनीतिक, और आर्थिक मोर्चों पर पाकिस्तान को जवाब देने के लिए थे।
भारत ने इस हमले को केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर हमला माना।
कूटनीतिक और प्रशासनिक कदम
भारत ने तत्काल कई कूटनीतिक और प्रशासनिक कदम उठाए, जो इस प्रकार हैं:
- पाकिस्तानी नागरिकों पर कार्रवाई: भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया।
- सभी पाकिस्तानी वीजा तत्काल रद्द कर दिए गए।
- अटारी-वाघा बॉर्डर बंद: पंजाब में अटारी-वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट को बंद कर दिया गया
- ताकि कोई पाकिस्तानी नागरिक भारत में प्रवेश न कर सके।
- पाकिस्तानी उच्चायोग बंद: भारत ने पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने और एक सप्ताह में
- इसे खाली करने का आदेश दिया। पाकिस्तानी राजनयिकों को वापस भेजा गया।
- सिंधु जल समझौता निलंबित: भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और
- चिनाब पर बने बगलिहार डैम के फाटक बंद कर दिए। यह पहली बार था
- जब भारत ने इस संधि को स्थगित किया। भारत की विदेश नीति के तहत यह कदम ऐतिहासिक था।
- हवाई क्षेत्र बंद: भारत ने पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया। भारत का विदेश मंत्रालय में नोकरी अपडेट
इन कदमों ने पाकिस्तान पर तत्काल दबाव डाला।
विशेष रूप से सिंधु जल समझौते का निलंबन पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका था,
क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था और कृषि इस संधि पर निर्भर है।
सैन्य तैयारियां
भारत ने न केवल कूटनीतिक कदम उठाए, बल्कि सैन्य मोर्चे पर भी त्वरित कार्रवाई की।
भारतीय सेना को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट दी गई। इसके अलावा:
- युद्धाभ्यास: भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना ने युद्धाभ्यास शुरू किया।
- S-400 सक्रिय: भारत ने पाकिस्तान पर हवाई हमले के बाद S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय किया।
- सीमा पर तैनाती: नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारतीय सेना की तैनाती बढ़ाई गई।
इन सैन्य तैयारियों ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई।
जांच और सुरक्षा कदम
पहलगाम आतंकी हमले की गहन जांच के लिए एनआईए ने तुरंत काम शुरू किया।
100 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की गई, और कई संदिग्धों के घर नष्ट किए गए।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई, और 48 पर्यटक स्थल सुरक्षा कारणों से बंद किए गए।
इसके अलावा, बोकारो में मोहम्मद नौशाद नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया,
जिसने सोशल मीडिया पर हमले के लिए पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा की प्रशंसा की थी।
यह कदम भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
पाकिस्तान की शुरुआती प्रतिक्रिया
भारत के कड़े कदमों से बौखलाए पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई शुरू की, हालांकि उसकी प्रतिक्रिया ज्यादातर रक्षात्मक थी।
पाकिस्तान ने LoC पर सीजफायर का उल्लंघन किया और 12 दिनों तक गोलीबारी की।
भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके अलावा, पाकिस्तान ने अपने आतंकी लॉन्च पैड हटाने शुरू किए,
क्योंकि उसे भारत की सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक का डर था।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कतर के अमीर और चीन के राजदूत से मुलाकात कर समर्थन मांगा।
चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस तनाव को भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका के रूप में देखा।
निष्कर्ष
पहलगाम आतंकी हमला 2025 ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को अभूतपूर्व स्तर पर पहुंचा दिया।
भारत ने कूटनीतिक, सैन्य, और प्रशासनिक मोर्चों पर कड़े कदम उठाकर पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
अगले भाग में हम ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद के घटनाक्रम पर चर्चा करेंगे।
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