Best picnic spots:लोहरदगा और पेसरार का परिचय

Best picnic spots में झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित लोहरदगा एक छोटा शहर लेकिन आकर्षक जिला है। यह जिला 1983 में रांची के विभाजन के बाद अस्तित्व में आया था।
और इसका नाम “लोहरदगा” शहर के नाम पर रखा गया, जो इसका प्रशासनिक मुख्यालय है।
“लोहरदगा” नाम दो शब्दों से मिलकर बना है: “लोहार” (लोहे का व्यापारी) और “दगा” (केंद्र), जो इस क्षेत्र के ऐतिहासिक रूप से लौह खनिजों के केंद्र होने का संकेत देता है।
Best picnic spots:लोहरदगा शब्द का अस्तित्व
अब आप सोच रहे होंगे की लौह खनिज लोहरदगा में कहां,?तो बता देते है लोहरदगा और गुमला के कुछ हिस्सों में बोकसाइड निकलता है जिसमे लौह अयस्क बहुत ज्यादा पाया जाता है।
इसी के चलते ये शहर बहुत ही पुराना और प्रचलित माना जाता है और यहां का मुख्य रोजी रोटी इसी पर निर्भर रहता है।
यही वजह है कि यहां बहुत पुराना बजार का केंद्र माना जाता है जिसे ही कुरुख भाषा में दागा कहा जाता था, जो आज के समय में लोहा का बाजार के जगह में लोहरदगा कहलाता है।
जिले में जलवायु बेहद सुखद, और स्वस्थ रहता है इसका मुख्य कारण

पूरे जिले में साल भर स्वस्थ, सुखद वातावरण रहती है। इस जिले की वार्षिक औसत तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहती है जबकि गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच पाती है
और सर्दियों में काम से कम 7 डिग्री सेल्सियस तक देखा गया है। और साथ बारिश भी अच्छी खासी रहती है इस वजह से ये जिले को ठंडा प्रदेश भी कहा जाता है।
लोहरदगा शहर का एक प्रखंड पेसरार
में Best picnic spots का खास जगह पेसरार (Pessarar) लोहरदगा जिले का पेसरार एक गांव था,
जहां पर उग्रवादी, माओवादी, विद्रोही जो बहुत ज्यादा तादाद (गढ़ माना जाता था)में था। खैर इसके बारे में और कोई दूसरे ब्लॉग में जन ने की कोशिश करेंगे।
पेसरार एक गांव से प्रखंड कैसे बना
सन ,,,,,में एक प्रखंड बनाया गया । प्रखंड बनाने के पीछे बहुत से पहलू है जैसे की नक्सल, पिछड़ापन, जैसे मुख्य कारण था।
ब्लॉक पेशरार प्रखंड की सीमाएं जिले के किस्को प्रखंड के साथ-साथ गुमला एवं लातेहार जिलों को भी छूती हैं | इसमें 05 ग्राम पंचायतों में कुल 74 गाँव हैं |
पेसरार खास क्या है आइए जानते हैं
इस ब्लॉक पेसरार प्रखंड के 5 ग्रामपंचायेतों में से एक मदनपुर में ऐतिहासिक और प्रसिद्ध लवापनी जलप्रपात मशहूर हैं,हालाकि पेसरार अत्यंत पिछड़ापन का शिकार होते हुए भी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है।
घने जंगलों से घिरा पेसरार
यह क्षेत्र घने जंगलों, पहाड़ियों, और छोटी-बड़ी नदियों से घिरा हुआ है, जो इसे पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
पेसरार वाटरफॉल इस क्षेत्र का एक प्रमुख आकर्षण है, जो स्थानीय लोगों और बाहरी पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।
पेसरार वाटरफॉल का विवरण 
लवापनी वाटरफॉल, लोहरदगा के पेसरार क्षेत्र में स्थित एक सुंदर प्राकृतिक झरना है। यह झरना घने हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है, जो इसे एक शांत और मनोरम पर्यटक स्थल बनाता है।
हालांकि, यह वाटरफॉल झारखंड के कुछ अन्य प्रसिद्ध झरनों जैसे दशम फॉल्स या जोन्हा फॉल्स की तरह बहुत प्रसिद्ध तो नहीं है, लेकिन इसकी सादगी और प्राकृतिक सुंदरता इसे खास बनाती है।
वाटरफॉल की भौगोलिक स्थिति
वाटरफॉल लोहरदगा जिले के Best picnic spots एक ग्रामीण और जंगली इलाके में स्थित है। यह लोहरदगा शहर से लगभग 30से35 किलोमीटर की दूरी पर हो सकता है (सटीक दूरी स्थानीय स्रोतों के आधार पर भिन्न हो सकती है)।
यह झरना कैसे बनता है
यह झरना एक छोटी नदी या जलधारा से बनता है, जो पहाड़ियों से नीचे की ओर बहती है। आसपास का क्षेत्र हरियाली और जैव-विविधता से भरा हुआ है,
जिसमें विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे और वन्यजीव पाए जाते हैं। इस झरने की पत्थरों बहुत ही फिसलन है इसलिए इसमें काफी संभाल कर चलना चाहिए।
साथ ही घने जंगलों का सुंदरता देखने लायक है। हालांकि यहां के पेड़ों में ज्यादातर साल का पेड़ है और आम का भी पेड़ काफी जगहों में देखने को मिलते है।
वाटरफॉल की विशेषताएँ
ऊँचाई और संरचना: पेसरार वाटरफॉल की ऊँचाई मध्यम स्तर की है, जो इसे ट्रेकिंग और पिकनिक के लिए उपयुक्त बनाती है।
यह संभवतः 80से100 फीट ऊँचा हो सकता है, हालांकि सटीक माप उपलब्ध नहीं है।
जल प्रवाह: मानसून के दौरान (जुलाई से सितंबर) यह झरना अपने पूर्ण वेग में होता है, जब बारिश का पानी इसे और अधिक प्रभावशाली बनाता है। शुष्क मौसम में जल प्रवाह कम हो सकता है।
आसपास का माहोल और जगह
आसपास का परिदृश्य: वाटरफॉल के आसपास चट्टानी संरचनाएँ, छोटे-छोटे जलकुंड, और हरे-भरे जंगल हैं। यहाँ का शांत वातावरण इसे ध्यान और विश्राम के लिए आदर्श बनाता है।
कैसे आप आसानी से पहुंच सकते है
पहुँच और मार्ग पेसरार वाटरफॉल तक पहुँचने के लिए लोहरदगा शहर से सड़क मार्ग उपलब्ध है। आप निजी वाहन, टैक्सी, या स्थानीय बसों का उपयोग कर सकते हैं।
अंतिम कुछ किलोमीटर की यात्रा में पैदल ट्रेकिंग की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि यह जंगल के बीच स्थित है। रास्ते में आपको स्थानीय गाँव, खेत, और प्राकृतिक दृश्य देखने को मिलेंगे।
पेसरार वाटरफॉल का पर्यटन महत्व
पेसरार वाटरफॉल लोहरदगा के उन छिपे हुए रत्नों में से एक है, जो अभी तक बड़े पैमाने पर पर्यटन के रडार पर नहीं आया है। यह इसे उन लोगों के लिए और भी खास बनाता है जो भीड़-भाड़ से दूर, शांत और प्राकृतिक स्थानों की तलाश में हैं।
पर्यटकों के लिए आकर्षण
प्रकृति प्रेमियों के लिए: वाटरफॉल का हरा-भरा परिवेश, पक्षियों की चहचहाहट, और बहते पानी की आवाज प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करती है।
ट्रैकिंग के लिए खास हो सकती है
ट्रेकिंग और साहसिक गतिविधियाँ: आसपास के जंगलों और पहाड़ियों में हल्की-फुल्की ट्रेकिंग की जा सकती है। साथ ही यहां पर कपल जोड़े के लिए ज्यादा सुरक्षित और अट्रैक्टिव हो सकता है और साहसिक प्रेमी यहाँ कैंपिंग भी कर सकते हैं।
फोटोग्राफी: वाटरफॉल और इसके आसपास के दृश्य फोटोग्राफरों के लिए शानदार हैं, खासकर मानसून में जब प्रकृति अपने पूर्ण रंग में होती है।
पिकनिक स्पॉट: स्थानीय लोग और पास के शहरों से आने वाले पर्यटक यहाँ पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। खास कर जनवरी के महीने में यहां पर काफी ज्यादा पर्यटक देखने को मिलते है जो अक्सर वहा पर यादगार के लिए पिकनिक मनाने है।
स्थानीय लोगों का योगदान
प्रखंड और आसपास के गाँवों के लोग इस वाटरफॉल को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे पर्यटकों को रास्ता दिखाने, स्थानीय भोजन प्रदान करने, और क्षेत्र की जानकारी देने में मदद करते हैं।
और इस क्षेत्र को साफ सुथरा रखने में काफी मदद करते है इसके लिए बहुत से पर्यटक अपना योगदान कुछ आर्थिक मदद कर के भी करते है।
यहाँ के जनजातीय समुदाय, जैसे उरांव और मुंडा, अपनी संस्कृति और आतिथ्य से पर्यटकों का स्वागत करते हैं। यहां के लोग बहुत मिलनसार होते है और यहां का फेस्टिवल भी बहुत खास होती है।
लोहरदगा की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और पेसरार
लोहरदगा का सांस्कृतिक ताना-बाना बहुत समृद्ध है, और पेसरार वाटरफॉल जैसे प्राकृतिक स्थल इस संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं। यहाँ की जनजातीय संस्कृति, परंपराएँ, और जीवनशैली पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करती हैं।
जनजातीय समुदाय
लोहरदगा में उरांव, मुंडा, और अन्य जनजातीय समुदायों की बहुलता है। ये समुदाय प्रकृति के साथ गहरा जुड़ाव रखते हैं और उनके त्योहार, नृत्य, और
रीति-रिवाज प्रकृति की पूजा से प्रेरित हैं। पेसरार वाटरफॉल जैसे स्थान उनके लिए न केवल पर्यटन स्थल हैं, बल्कि पवित्र और सांस्कृतिक महत्व के स्थान भी हो सकते हैं।
Best picnic spots:स्थानीय त्योहार
सरहुल: यह उरांव समुदाय का प्रमुख त्योहार है, जो प्रकृति और फसल की शुरुआत का उत्सव है। इस दौरान पेसरार जैसे प्राकृतिक स्थलों पर सामुदायिक आयोजन होते हैं जो पर्यटकों का मन अपनी ओर लुभाती है।
करमा: यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है और नदियों या जल स्रोतों के पास पूजा की जाती है। पेसरार वाटरफॉल इस तरह के आयोजनों का स्थल भी है जहां पर्यटकों अपने पूरे फैमली के साथ जाते है और पूजा।पाठ।भी करते है।
लोक कथाएँ और मान्यताएँ
कुछ स्थानीय लोग मानते हैं कि ऐसे झरनों में देवताओं का वास होता है, और यहाँ पूजा करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।अब यह कहा तक सही है इस बात का पुष्टि ये आर्टिकल नहीं करता।
पेसरार वाटरफॉल का पर्यावरणीय महत्व
इसके आसपास का क्षेत्र जैव-विविधता का खजाना है। यहाँ की वनस्पति और जीव-जंतु इस क्षेत्र को पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं।
इस जंगल कई प्रकार का जड़ी बूटियां पाई जाती हैं, जो कि लोहरदगा का दूसरा खजाना माना जाता है।आज से सैकड़ों साल पहले ये जड़ी बूटियों का महत्त्व ही अलग था।
वनस्पतिवृक्ष: साल, सागौन, बाँस, और महुआ जैसे पेड़ यहाँ प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
औषधीय पौधे: स्थानीय लोग कई जंगली पौधों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में करते हैं।
फूल और झाड़ियाँ: मानसून में यह क्षेत्र रंग-बिरंगे फूलों से सज जाता है।
जीव-जंतुपक्षी: मोर, किंगफिशर, और अन्य स्थानीय पक्षी यहाँ देखे जा सकते हैं।
स्तनधारी: लंगूर, सियार, और कभी-कभी तेंदुआ जैसे जंगली जानवर इस क्षेत्र में पाए जाते हैं।
इस जगहों पर बंदरों का झुंड दिखना आम है, कई पर्यटकों ने अपने साथ कुछ ऐसी खाने की वस्तु लेके जाते जिसे बंदरों को भी खाला सके।
जलीय जीव: वाटरफॉल के जलकुंडों में छोटी मछलियाँ और अन्य जलीय जीव हो सकते हैं। यहां पर कई पर्यटक अपनी मनोरंजन के लिए मछली पकड़ना या मछली फसाने के साथ एंजॉय करते है।
best picnic spots:पर्यावरण संरक्षण
पेसरार वाटरफॉल जैसे स्थानों को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। पर्यटकों को यहाँ कचरा न फैलाने, पेड़-पौधों को नुकसान न पहुँचाने, और स्थानीय नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है। स्थानीय प्रशासन और समुदाय भी इस क्षेत्र को स्वच्छ और सुरक्षित रखने के लिए प्रयासरत हैं।
पेसरार वाटरफॉल की यात्रा की योजना
यदि आप पेसरार वाटरफॉल की यात्रा करना चाहते हैं, तो यहाँ कुछ उपयोगी सुझाव हैं: best picnic spots
यात्रा का सबसे अच्छा समय
मानसून (जुलाई-सितंबर): इस दौरान वाटरफॉल अपने पूर्ण वैभव में होता है, लेकिन बारिश के कारण रास्ते फिसलन भरे हो सकते हैं। यहां पर ज्यादा एडवेंचर करने की कोशिश नही करनी चाहिए खास कर बरसात के मौसम में।
सर्दियाँ (अक्टूबर-फरवरी): मौसम सुहावना रहता है, जो ट्रेकिंग और पिकनिक के लिए उपयुक्त है। इस महीने ये जगह बहुत खास होते है क्योंकि इस जगह पर बहुत सर्द लगती है, इस मौसम में स्नान करने से सर्दी लग सकती है।
गर्मियाँ (मार्च-जून): गर्मी अधिक रहती है, और वाटरफॉल में पानी कम हो सकता है।ये महीने में जलप्रपात पर पानी की कमी होती है लेकिन जितनी भी पानी होती है काफी ठंड होती है, इस मौसम में स्नान करने का मजा ही अलग है।
best picnic spots:कैसे पहुँचें
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा रांची का बिरसा मुंडा हवाई अड्डा है (लगभग 70 किमी दूर) लोहरदगा है जहां से लगभग 25 से 30 km की दूरी पर ये जलप्रपात है।
रेल मार्ग: लोहरदगा रेलवे स्टेशन छोटी लाइन का स्टेशन है, लेकिन रांची रेलवे स्टेशन से बेहतर कनेक्टिविटी है।
सड़क मार्ग: रांची से लोहरदगा तक बस या टैक्सी से आसानी से पहुँचा जा सकता है। लोहरदगा से पेसरार के लिए स्थानीय वाहन उपलब्ध हैं। Best picnic spot in pesrar jharkhand
रुकने के साधन अगर आप झारखण्ड के बाहर से आ रहे है इस मिनी कश्मीर में
आवास लोहरदगा शहर में छोटे होटल, गेस्ट हाउस, और धर्मशालाएँ उपलब्ध हैं। पेसरार में आवास की सुविधा लगभग ना के बराबर है इस लिए, लोहरदगा में रुकना बेहतर हो सकता है।
जरूरी सामान आरामदायक जूते (ट्रेकिंग के लिए)पानी की बोतल और हल्का नाश्तामच्छर भगाने वाली क्रीमकैमरा और बरसाती (मान सून में)
पेसरार वाटरफॉल के आसपास के अन्य आकर्षण
आप लोहरदगा को सेंटर मन के यहां के कई जगह पर दर्शन कर सकते है जिसमे से पेसरार वाटरफॉल एक है और कई अन्य दर्शनीय स्थल हैं, जो आपकी यात्रा को और यादगार बना सकते हैं:
पेसर के जस्ट बगल में आप हिंडाल्को का माइंस घूम सकते जहां पर हिंडाल्को पर्यटकों के लिए बहुत ही खूबसूरत सा पार्क बनाया है।
हिरण नदी: यह नदी लोहरदगा की जीवनरेखा है और इसके किनारे सुंदर दृश्य देखे जा सकते हैं।
महुआडांड़ वन्यजीव अभयारण्य: यहाँ तेंदुआ, भालू, और विभिन्न पक्षी देखे जा सकते हैं।
लोहरदगा का बाजार: स्थानीय हस्तशिल्प और जनजातीय कला के लिए यहाँ खरीदारी की जा सकती है।
जैन मंदिर: लोहरदगा में जैन धर्म से संबंधित ऐतिहासिक स्थल भी हैं। Best picnic spot in pesrar jharkhand
निष्कर्ष
- पेसरार वाटरफॉल लोहरदगा का एक अनमोल प्राकृतिक खजाना है, जो प्रकृति, साहसिकता, और शांति की तलाश करने वालों के लिए एक आदर्श स्थान है।
- यहाँ की सादगी, हरियाली, और स्थानीय संस्कृति इसे एक अनूठा पर्यटन स्थल बनाती है। लोहरदगा का यह वाटरफॉल न केवल पर्यटकों को आकर्षित करता है,
- बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए भी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व रखता है।यदि आप प्रकृति के करीब कुछ पल बिताना चाहते हैं,
- तो पेसरार वाटरफॉल की यात्रा अवश्य करें। यहाँ का शांत वातावरण, बहता पानी, और जंगलों की सैर आपको एक ताजगी भरा अनुभव देगी।
- इस वेबसाइट में बने रहने के लिए यहां जाए।
- अगर आप किसी ऑथराइज्ड टूरिज्म डिपार्टमेंट के थ्रू तो इस लिंक में जाइए: आधिकारिक वेबसाइट
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